Ganesh Chalisa हिंदू धर्म में भगवान गणेश, विघ्नहर्ता और आशीर्वादकर्ता, को समर्पित एक भक्तिमय प्रार्थना है। यह चालीसा गीतों का संग्रह है जो भगवान गणेश के गुणों, शक्तियों और दिव्य विद्यमान की प्रशंसा करते हैं।
चालीसा भक्ति और ईमानदारी के माध्यम से भक्तों को भगवान गणेश की दिव्य कृपा और मार्गदर्शन की खोज में मदद करती है।
Ganesh Chalisa Lyrics को श्रद्धा और आत्मीयता के साथ पाठ करने से विघ्नों का नाश होता है, ज्ञान की प्राप्ति होती है, प्रयासों में सफलता मिलती है और सामग्री आध्यात्मिक विकास होता है।
यह चालीसा कवित्वपूर्ण रूप में रची जाती है, जिससे इसे पठने या जाप करने में सुरीला और मोहक बनाया जाता है।
यह चालीसा हिंदू धार्मिक आचरणों में महत्वपूर्ण स्थान रखती है और इसे आमतौर पर गणेश उत्सव, शुभ अवसर और दैनिक प्रार्थनाओं के दौरान पठा जाता है।
मान्यता है कि चालीसा का जाप करके व्यक्ति भगवान गणेश की दैवी संरक्षा को आह्वान करता है और उनके आशीर्वाद को प्राप्त करता है।
Chalisa Lyrics के माध्यम से भक्त भगवान गणेश के प्रति अपना प्यार, भक्ति और सम्मान व्यक्त करते हैं, उनके जीवन में उनके दिव्य हस्तक्षेप और मार्गदर्शन की तलाश में होते हैं।
चालीसा भक्त और दिव्य के बीच एक आध्यात्मिक संबंध का माध्यम है, जो गहरी भक्ति, आंतरिक शांति और आध्यात्मिक पूर्णता का एक गहरा अनुभव प्रदान करता है।
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Ganesh Chalisa Lyrics In Hindi
॥दोहा॥
जय गणपति सदगुण सदन,
कविवर बदन कृपाल ।
विघ्न हरण मंगल करण,
जय जय गिरिजालाल ॥
॥चौपाई॥
जय जय जय गणपति गणराजू ।
मंगल भरण करण शुभः काजू ॥ 1 ॥
जै गजबदन सदन सुखदाता ।
विश्व विनायका बुद्धि विधाता ॥ 2 ॥
वक्र तुण्ड शुची शुण्ड सुहावना ।
तिलक त्रिपुण्ड भाल मन भावन ॥ 3 ॥
राजत मणि मुक्तन उर माला ।
स्वर्ण मुकुट शिर नयन विशाला ॥ 4 ॥
पुस्तक पाणि कुठार त्रिशूलं ।
मोदक भोग सुगन्धित फूलं ॥ 5 ॥
सुन्दर पीताम्बर तन साजित ।
चरण पादुका मुनि मन राजित ॥ 6 ॥
धनि शिव सुवन षडानन भ्राता ।
गौरी लालन विश्व-विख्याता ॥ 7 ॥
ऋद्धि-सिद्धि तव चंवर सुधारे ।
मुषक वाहन सोहत द्वारे ॥ 8 ॥
कहौ जन्म शुभ कथा तुम्हारी ।
अति शुची पावन मंगलकारी ॥ 9 ॥
एक समय गिरिराज कुमारी ।
पुत्र हेतु तप कीन्हा भारी ॥ 10 ॥
भयो यज्ञ जब पूर्ण अनूपा ।
तब पहुंच्यो तुम धरी द्विज रूपा ॥ 11 ॥
अतिथि जानी के गौरी सुखारी ।
बहुविधि सेवा करी तुम्हारी ॥ 12 ॥
अति प्रसन्न हवै तुम वर दीन्हा ।
मातु पुत्र हित जो तप कीन्हा ॥ 13 ॥
मिलहि पुत्र तुहि, बुद्धि विशाला ।
बिना गर्भ धारण यहि काला ॥ 14 ॥
गणनायक गुण ज्ञान निधाना ।
पूजित प्रथम रूप भगवाना ॥ 15 ॥
अस कही अन्तर्धान रूप हवै ।
पालना पर बालक स्वरूप हवै ॥ 16 ॥
बनि शिशु रुदन जबहिं तुम ठाना ।
लखि मुख सुख नहिं गौरी समाना ॥ 17 ॥
सकल मगन, सुखमंगल गावहिं ।
नाभ ते सुरन, सुमन वर्षावहिं ॥ 18 ॥
शम्भु, उमा, बहुदान लुटावहिं ।
सुर मुनिजन, सुत देखन आवहिं ॥ 19 ॥
लखि अति आनन्द मंगल साजा ।
देखन भी आये शनि राजा ॥ 20 ॥
निज अवगुण गुनि शनि मन माहीं ।
बालक, देखन चाहत नाहीं ॥ 21 ॥
गिरिजा कछु मन भेद बढायो ।
उत्सव मोर, न शनि तुही भायो ॥ 22 ॥
कहत लगे शनि, मन सकुचाई ।
का करिहौ, शिशु मोहि दिखाई ॥ 23 ॥
नहिं विश्वास, उमा उर भयऊ ।
शनि सों बालक देखन कहयऊ ॥ 24 ॥
पदतहिं शनि दृग कोण प्रकाशा ।
बालक सिर उड़ि गयो अकाशा ॥ 25 ॥
गिरिजा गिरी विकल हवै धरणी ।
सो दुःख दशा गयो नहीं वरणी ॥ 26 ॥
हाहाकार मच्यौ कैलाशा ।
शनि कीन्हों लखि सुत को नाशा ॥ 27 ॥
तुरत गरुड़ चढ़ि विष्णु सिधायो ।
काटी चक्र सो गज सिर लाये ॥ 28 ॥
बालक के धड़ ऊपर धारयो ।
प्राण मन्त्र पढ़ि शंकर डारयो ॥ 29॥
नाम गणेश शम्भु तब कीन्हे ।
प्रथम पूज्य बुद्धि निधि, वर दीन्हे ॥ 30 ॥
बुद्धि परीक्षा जब शिव कीन्हा ।
पृथ्वी कर प्रदक्षिणा लीन्हा ॥ 31 ॥
चले षडानन, भरमि भुलाई ।
रचे बैठ तुम बुद्धि उपाई ॥ 32 ॥
चरण मातु-पितु के धर लीन्हें ।
तिनके सात प्रदक्षिण कीन्हें ॥ 33 ॥
धनि गणेश कही शिव हिये हरषे ।
नभ ते सुरन सुमन बहु बरसे ॥ 34 ॥
तुम्हरी महिमा बुद्धि बड़ाई ।
शेष सहसमुख सके न गाई ॥ 35 ॥
मैं मतिहीन मलीन दुखारी ।
करहूं कौन विधि विनय तुम्हारी ॥ 36 ॥
भजत रामसुन्दर प्रभुदासा ।
जग प्रयाग, ककरा, दुर्वासा ॥ 37 ॥
अब प्रभु दया दीना पर कीजै ।
अपनी शक्ति भक्ति कुछ दीजै ॥ 38 ॥
॥दोहा॥
श्री गणेश यह चालीसा,
पाठ करै कर ध्यान ।
नित नव मंगल गृह बसै,
लहे जगत सन्मान ॥
सम्बन्ध अपने सहस्त्र दश,
ऋषि पंचमी दिनेश ।
पूरण चालीसा भयो,
मंगल मूर्ती गणेश ॥
Ganesh Chalisa Video
Benefits Of Ganesh Chalisa
Ganesh Chalisa के लाभों को हिंदी में निम्नलिखित तरीके से वर्णित किया जा सकता है:
- विघ्न नाश: Ganesh Chalisa का पाठ करने से व्यक्ति के जीवन में आने वाली बाधाओं का नाश होता है। यह भगवान गणेश की कृपा से व्यक्ति को आगे बढ़ने में सहायता प्रदान करता है।
- ज्ञान और बुद्धि की प्राप्ति: Ganesh Chalisa का पाठ करने से व्यक्ति को ज्ञान और बुद्धि की प्राप्ति होती है। इसके पाठ से मानसिक तनाव कम होता है और व्यक्ति को स्पष्ट विचारशक्ति प्राप्त होती है।
- सुख और समृद्धि: Ganesh Chalisa के पाठ से व्यक्ति को सुख और समृद्धि मिलती है। यह भगवान गणेश की कृपा से व्यक्ति के जीवन में खुशहाली और समृद्धि की स्थिति प्राप्त होती है।
- आध्यात्मिक विकास: इस Chalisa का नियमित पाठ करने से व्यक्ति का आध्यात्मिक विकास होता है। यह उसे भक्ति और ध्यान में स्थिरता प्रदान करता है और उसकी आंतरिक शांति बढ़ाता है।
- शुभ प्रभाव: इस Chalisa के पाठ से व्यक्ति के जीवन में एक शुभ प्रभाव पैदा होता है। यह उसे सकारात्मकता, उत्साह और संतुलन की भावना प्रदान करता है।
याद रखें कि गणेश चालीसा के लाभ व्यक्ति की व्यक्तिगत आस्था और विश्वास पर आधारित होते हैं। नियमित और संदेहरहित अभ्यास करने से इन लाभों को प्राप्त करना संभव होता है।